जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान द्वारा संबंधित अधिकारियों और विभागों के साथ वर्चुअल माध्यम से डेंगू नियंत्रण, स्वच्छता पखवाड़ा, निराश्रित गोधन, आयुष्मान कार्ड की प्रगति इत्यादि के संबंध में वर्चुअल बैठक आयोजित करते हुए जरूरी दिशा-निर्देश दिए गए।
डेंगू नियंत्रण के संबंध में जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम डेंगू के डोर – टू-डोर सर्वे में तेजी लाएं । कांटेक्ट ट्रेसिंग से लेकर रैपिड टेस्ट आदि में यदि कार्मिकों की अधिक आवश्यकता है तो होम्योपैथी व आयुर्वेदिक विभाग से और स्वास्थ्य कार्मिकों की तैनाती करें।
उन्होंने कोटद्वार के उप जिलाधिकारी को निर्देशित किया कि आवश्यकता अनुसार स्वास्थ्य विभाग के समन्वय से कंटेंटमेंन्ट जॉन बनाऐं तथा नगर निगम के समन्वय से बेहतर साफ _सफाई व्यवस्था सुनिश्चित करें । उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को डेंगू मरीजों के इलाज में गंभीरता से और संवेदनशीलता से कार्य करने के निर्देश दिए। साथ ही कांटेक्ट ट्रेसिंग और रैपिड टेस्ट बढ़ाने को भी कहा ।
निराश्रित गोधन के संरक्षण के संबंध में जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि सभी तरह के गोधन को तत्काल चिन्हित की गई संबंधित गौशाला में शिफ्ट करें । इसके लिए सभी शहरों और कस्बों में नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायत के साथ विशेष अभियान चलाते हुए गोधन को शिफ्ट करने की कार्रवाई सुनिश्चित करें।
साथ ही सक्त निर्देश दिए कि जिसका भी गोधन सड़क पर पाया जाएगा उसका नियम अनुसार चालान करें। साथ ही निर्देशित किया कि जिन क्षेत्रों में गौशाला के लिए अभी तक भूमि का चयन नहीं हो पाया है वहां पर तत्काल भूमि चयनित करें ।
स्वच्छता पखवाड़ा की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि शहर, गांव और सभी कस्बों को कूड़ा मुक्त और प्लास्टिक मुक्त करें । इसके लिए ग्रामीण स्तर पर संबंधित खंड विकास अधिकारी क्षेत्र पंचायत, जिला पंचायत और ग्राम पंचायत इस अभियान को आगे बढ़ाएगी साथ ही शहरों में नगर पालिका, नगर निगम और नगर पंचायत इस कार्य को पूर्ण करेंगे।
उन्होंने सभी विभागों और संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि कोई भी अधिकारी अपने दायित्व में लाफरवाही ना बरते।
इस दौरान वर्चुअल बैठक में संबंधित क्षेत्र के उप जिलाधिकारी, नगर निकाय, लोक निर्माण विभाग, पंचायत, बाल विकास, शिक्षा विभाग आदि विभिन्न विभागों के अधिकारी और कार्मिक वर्चुअल माध्यम से बैठक से जुड़े हुए थे।