सोमवार को राजभवन में हिमाचल प्रदेश का स्थापना दिवस मनाया गया। कार्यक्रम में हिमाचल राज्य के देहरादून स्थित संस्थानों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं सहित अन्य लोग उपस्थित रहे। इस दौरान छात्र-छात्राओं ने मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जिसमें हिमाचल की समृद्ध लोक संस्कृति की झलक देखने को मिली। इन कार्यक्रमों को उपस्थित लोगों ने खूब सराहा।
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने इस कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए उपस्थित लोगों को पूरे प्रदेश की ओर से स्थापना दिवस की बधाई दी। राज्यपाल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश का इतिहास अनंत समृद्ध और विविध है। यह क्षेत्र प्राचीन काल से ही विविध राज्यों और साम्राज्यों का हिस्सा रहा है। राज्यपाल ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि हिमाचल प्रदेश को प्रकृति का अद्वितीय वरदान प्राप्त है। यहां की पहाड़ियां, वनस्पति और जलवायु विशेष रूप से प्रसिद्ध हैं। हिमाचल पर्यटन स्थल के रूप में भी विश्व प्रसिद्ध है, जहां हर साल अनेक यात्री आकर इनका लुत्फ उठाते हैं।
राज्यपाल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में अनेक मंदिर हैं जो यहां की आध्यात्मिकता का परिचायक हैं जिस कारण हिमाचल को भी देवभूमि के रूप में जाना जाता है। ज्वाला मां मंदिर, बैजनाथ मंदिर का ऐतिहासिक महत्व, चिंतपूर्णी मंदिर की मनोकामनाओं की पूर्ति और नैना देवी मंदिर की आध्यात्मिक महिमा ने प्रदेश को धार्मिक पर्यटन का एक महत्वपूर्ण स्थल बनाया है। हिमाचल का सेब विश्व में प्रसिद्ध है जिसकी अलग ही पहचान है।
राज्यपाल ने कहा कि राज्यों के स्थापना दिवस मनाने से हमें विभिन्न राज्यों की सांस्कृतिक विरासत को समझने और बढ़ावा देने का अवसर मिलता है। ऐसे आयोजन देश की एकता और अखंडता के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं और राज्यों के बीच आपसी एवं सांस्कृतिक मेलजोल होता है जो की अत्यंत महत्वपूर्ण है, और एक समृद्ध एवं अद्वितीय राष्ट्र के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
इस कार्यक्रम में सचिव श्री राज्यपाल रविनाथ रामन, अपर सचिव श्री राज्यपाल श्रीमती स्वाति एस. भदौरिया, वित्त नियंत्रक डॉ. तृप्ति श्रीवास्तव, उप सचिव जी. डी. नौटियाल, एसजीआरआर विश्वविद्यालय के प्रो. कंचन जोशी, असि. प्रो. डॉ. बिजेंद्र सिंह, असि. प्रो. डॉ. अनुजा रोहिला सहित एसजीआरआर के छात्र/छात्राएं उपस्थित रहे।