परियोजना निदेशक विमल कुमार ने जनपद के बैंक, एनआरएलएम, उद्योग समेत जिला स्तरीय पुनरीक्षण समिति की बैठक ली। उन्होंने बैंकों एवं समिति के सदस्यों को आपसी समन्वय बढ़ाते हुए सरकार की योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने को कहा। साथ ही बैंकों को ऋण जमा अनुपात 40 प्रतिशत प्राप्त करने के निर्देश दिए।
शुक्रवार को विकास भवन सभागार में आयोजित जिला स्तरीय पुनरीक्षण समिति (डीएलआरसी) की बैठक में विमल कुमार ने मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, नैनो योजना, पीएमईजीपी, एनआरएलएम, वीर चंद्र सिंह गढ़वाली पर्यटन योजना, नाबार्ड से पोषित योजाओं सहित जन सुरक्षा से जुड़ी सभी योजनाओं एवं किसान क्रेडिट कार्ड की विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने सभी योजनाओं में राज्य की ओर से दिए गए लक्ष्य प्राप्त करने के लिए बैंक एवं संबंधित अधिकारियों को बेहतर समन्वय स्थापित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकार विभिन्न योजनाओं के माध्यम से जन कल्याण एवं उत्थान के लिए जो भी योजनाएं चला रही है उसकी जानकारी अंतिम व्यक्ति तक पहुंचना जरूरी है। उन्होंने बैंक प्रबंधकों को निर्देशित करते हुए कहा कि जिन बैंकों के ऋण जमा अनुपात 40 प्रतिशत से कम है, वे अपनी कार्य योजना तैयार कर आगामी तीन महीने में भारतीय रिजर्व बैंक के मानक के अनुसार 40 प्रतिशत प्राप्त करना सुनिश्चित करें। साथ ही जिन बैंकों के ऋण जमा अनुपात 40 प्रतिशत से अधिक है वे आगे बढ़ाने के लिए प्रयास करें। उन्होंने कहा कि सभी बैंक यह सुनिश्चित कर लें कि अपने-अपने क्षेत्रों में नए-नए प्रोजेक्ट हेतु ऋण वितरण करें तथा सभी संबंधित विभाग भी उनके स्तर से बड़ा प्रोजेक्ट बनाते हुए बैंकों को प्रेषित करें ताकि सीडी रेशियो बढ़ाया जा सके। इस दौरान वित्तीय वर्ष- 2023-24 में 15 दिसंबर, 2023 तक सरकारी ऋण योजनाओं की अद्यतन प्रगति समीक्षा भी की गई।
इस अवसर पर उत्तराखंड ग्रामीण बैंक से पीके गोयल, नाबार्ड से श्रेयांश जोशी, महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र महेश प्रकाश, निदेशक आर सेटी किशन सिंह रावत, सुमित आर्य, दीपक सिंह, कपिल जोशी, हीरा सिंह, मनीश चंद्र, शशांक नौटियाल सहित अन्य विभागीय अधिकारी व विभिन्न बैंकों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।